Tuesday, October 30, 2018

चला एक राही सपने संजोए

चला एक राही सपने संजोए
मन में उमंग और आशा पिरोए
मस्त मगन एक धुन सवार किए
सपनो को हकीकत में बदलने के लिए
चला एक राही सपने संजोए ।
आशा उम्मीदों की आस लिए
बढे़ हैं पग धीमे धीमे साथ ही एक कसक लिए
काबू पाने हौसला भी है संग लिए
डरे भी तो भला किस लिए
चला एक राही सपने संजोए ।
निश्चय कर मुकाम पाने के लिए
बडे़ ही जतन तथा त्याग किए
बैठा है कितनी मुरादें लिए
अडिग रहने का संकल्प लिए
चला एक राही सपने संजोए ।
                              _ रूचि तिवारी

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