Monday, June 14, 2021

सार्थक मुलाकात




बेशक एक मुलाकात होगी,
किसी राह या किसी मोड़ पर,
होठों पर दबे हजार सवाल,
बाहर आने को आतुर होंगे,
उन सवालों के जवाब पाने,
जो बातों के सिलसिले में अधूरे रह गए थे।
जवाब दोनों को चाहिए,
उन सवालों के नहीं; जिन्हें पूछने पर भी जवाब नहीं मिला,
बल्कि उन सवालों के जो तुम्हें देखकर मन में उठे,
वो सवाल, जब तुमने कुछ कहा और मैं स्तब्ध रह गई थी।
मुलाकात के दौरान,
इन सभी सवालों को एक माला में पिरोकर लाउंगी,
तुम माला तोड़ना और एक-एक मोती में चीखते सवाल का जवाब देना,
फिर इस मुलाकात को मैं 'सार्थक मुलाकात' का नाम दूंगी।

- रुचि तिवारी

थैंक्यू KK! हम रहें या न रहें कल, कल याद आएंगे ये पल, प्यार के पल...

KK, 90's के दौर का वो नाम जिसकी आवाज सुन हम सभी बड़े हुए। 'कुछ करने की हो आस-आस... आशाएं' या 'अभी-अभी तो मिले हो, अभी न करो ...