Thursday, November 29, 2018

काफी दिनों बाद!

काफी दिनों बाद
आज तुम्हें यूँ देखा ,
औरों की परवाह छोड़
खुद में मगरुर देखा ।
छोड़ अपनी ख्वाहिशें
जो तुमने हमें देखा ,
कई अरसे बाद 
तुम्हें यूँ खुश देखा ।
गुलाबी शाम में तुम्हें मुस्कराते देखा
हौले-हौले तुम्हें तुमसे मिलता देखा
हाँ , तुम्हारी चमक को आज फिर परखा
गुज़रे कई महीनें , सालों बाद तुम्हारा ये अंदाज़ देखा ।
बरसों बाद तेरे आँचल से फिर लिपटा
लम्बे अरसे बाद बचपन को समेटा
इस कदर तुझे चहकता देखा
तेरा बदन आज फिर झूमते देखा ।
तेरे फैसले पर तुझे मगरुर देखा
आज तुझे न मजबूर देखा
गुरुर रखना अपनी ' रुचि ' पर
क्योंकि आज तेरी एक और जुस्तजू को देखा ।
                                   _ रुचि तिवारी

No comments:

Post a Comment

थैंक्यू KK! हम रहें या न रहें कल, कल याद आएंगे ये पल, प्यार के पल...

KK, 90's के दौर का वो नाम जिसकी आवाज सुन हम सभी बड़े हुए। 'कुछ करने की हो आस-आस... आशाएं' या 'अभी-अभी तो मिले हो, अभी न करो ...