जो नहीं चाहती वो
ऐसा काम मत करना
जो कर दे वो तुम्हें हैरान
तो उसे सरेआम बदनाम मत करना ।
ऐसा काम मत करना
जो कर दे वो तुम्हें हैरान
तो उसे सरेआम बदनाम मत करना ।
कशिश में है बँधी उसकी वो खामोशी
फौलाद है वो नही कोई चिंगारी
हो जाती है जो वो थोडे़ में मुत्मइन
खुद की खुशी से ज्यादा तुम्हारी खुशी है उसे प्यारी ।
फौलाद है वो नही कोई चिंगारी
हो जाती है जो वो थोडे़ में मुत्मइन
खुद की खुशी से ज्यादा तुम्हारी खुशी है उसे प्यारी ।
बेअसर नहीं कोई करतूत तुम्हारी
हर नज़रें उसकी हर एक हरकत पे तुम्हारी
नज़रअंदाज़ करती नही फितरत है ये उसकी , नही कोई बीमारी
हर एक काम मे जरुरी तो नहीं वास्ता ऐ यारी ।
हर नज़रें उसकी हर एक हरकत पे तुम्हारी
नज़रअंदाज़ करती नही फितरत है ये उसकी , नही कोई बीमारी
हर एक काम मे जरुरी तो नहीं वास्ता ऐ यारी ।
जो इंकार कर दे वो एक मुलाकात से
साबित नही होती उससे वफादारी
खैर , ऐसी नहीं है ' रूचि ' ,
अपनी शर्तों की जीवनी ही है उसकी कहानी ।
साबित नही होती उससे वफादारी
खैर , ऐसी नहीं है ' रूचि ' ,
अपनी शर्तों की जीवनी ही है उसकी कहानी ।
कसक लिए चलती है वो
फिर भी बरकरार रखती है हर कार्य को
दबाएँ इच्छाएं जरुरतें देखती है वो
हाँ , क्योंकि चंद लफ्जों में जो बयां न हो ऐसी नारी है वो ।
फिर भी बरकरार रखती है हर कार्य को
दबाएँ इच्छाएं जरुरतें देखती है वो
हाँ , क्योंकि चंद लफ्जों में जो बयां न हो ऐसी नारी है वो ।
_ रूचि तिवारी
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