Saturday, December 22, 2018

चुप्पी क्यों ???

पापा ये लड़की रोड में ऐसे क्यों घूम रही है ?? आशी ने  बड़ी ही विनम्रता एवं मासूमियत से सड़क में एक घूमती लड़की को देखकर कहा । आशीष जी के पास उस सवाल का जवाब तो था पर शायद वो अपनी बेटी को बताना नहीं चाहते थे सो बात घूमाकर कहे बेटा हम आइसक्रीम खाने आए है न बताओ आप कौन-सी वाली खाओगी ? शायद आशीष जी आशी को समाज के उस पहलू से अवगत नही कराना चाहते थे जिसकी वो जिज्ञासु थी । पापा उस लड़की के कपड़े क्यों फटे हैं ? उसकी मम्मी ने उसकी चोटी क्यों नहीं बनाई , उसके बाल तो कितने लम्बे हैं । बेटा मैं आपसे आइसक्रीम के लिए पूछ रहा हूँ न । और मैं आपसे उस लड़की के बारें में पूछ रही हूँ न पापा । आप चुप क्यों हो ? बताओ न ।
                  छ: साल की आशी ने आशीष जी के सामने एक ऐसा आईना रख दिया जिसमें वह खुद से नज़रें नहीं मिला पा रहे थे । और इसी आईने को देखने की जरुरत इस समाज को है। हमारे सामने ही रोजाना कितना कुछ घटित हो जाता है और हम चुपचाप बस देखते रह जाते हैं । जहाँ कोई पीडि़त इस समाज से जिस समय उसकी मदद की अपेक्षा रखता है , उसी समय समाज उसका तमाशा बना खुद तमाशबीन बन सब देखकर चुप रह जाता है। क्या समाज का यह दायित्व नहीं बनता की वह अपनी चुप्पी तोड़ मानवता की एक नई बुनियाद खडी़ करें ?
                            ......रूचि तिवारी
नोट : यह  विचार लेखिका के निजी है।

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