नमस्कार ! मैं हिंदी ,
जो उस दिन गद्य के रुप में
सबके समक्ष प्रकट हो गई ,
कह दिया मुझे ,
थोडे़ साहित्यिक सुंदर शब्द मिला लेना
सबके समक्ष प्रकट हो गई ,
कह दिया मुझे ,
थोडे़ साहित्यिक सुंदर शब्द मिला लेना
जो उसके बाद एक दिन काव्य रूप में
सबके सामने आ गई ,
तो उर्दू में जा मिलने का फरमान दे दिया
सबके सामने आ गई ,
तो उर्दू में जा मिलने का फरमान दे दिया
जो शायरी , गजलों में आ गई
उर्दू फारसी में खो सी गई ,
मंत्रों के उच्चारण अर्थ में
संस्कृत सी मैं हो गई
उर्दू फारसी में खो सी गई ,
मंत्रों के उच्चारण अर्थ में
संस्कृत सी मैं हो गई
एक सफर मैं कर रही
कितनों से मिलते हुए
खुद का वजूद तलाश रही
थोडा़ सिमटे , थोडा़ घुलते मिलते हुए ।
कितनों से मिलते हुए
खुद का वजूद तलाश रही
थोडा़ सिमटे , थोडा़ घुलते मिलते हुए ।
_ रूचि तिवारी
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