जो कभी मुझे गुनगुनाते सुन लेना
तो हैरान मत होना ,
जो कभी मुझे थोडा़ शांत देख लेना
तो परेशान मत होना ।
तो हैरान मत होना ,
जो कभी मुझे थोडा़ शांत देख लेना
तो परेशान मत होना ।
जो कभी मैं कहीं मगरुर दिख जाऊँ
तो हैरान मत होना ,
सुन ली होगी अपने मन की
बस इतना समझ लेना ।
तो हैरान मत होना ,
सुन ली होगी अपने मन की
बस इतना समझ लेना ।
जो कभी अचानक चहचहा उठूँ
तो हैरान मत होना ,
आज खुलकर मेरा रूप दिखा
बस इतना जान समझ लेना ।
तो हैरान मत होना ,
आज खुलकर मेरा रूप दिखा
बस इतना जान समझ लेना ।
जो कभी थोडा़ शांत नज़र आऊँ
तो परेशान मत होना,
कौंध दिया होगा कुछ मुझे
बस इतना समझ लेना ।
तो परेशान मत होना,
कौंध दिया होगा कुछ मुझे
बस इतना समझ लेना ।
अगर दिख जाऊँ गुनगुनाती
तो हैरान मत होना ,
होंगी बिखेरी खुशियाँ
बस इतना समझ लेना ।
तो हैरान मत होना ,
होंगी बिखेरी खुशियाँ
बस इतना समझ लेना ।
जो मैं अडियल हो जाऊँ कभी
तो हैरान मत होना ,
हलचल है मेरे अंदर
कुछ कर गुज़रने की
बस इतना समझ लेना।
तो हैरान मत होना ,
हलचल है मेरे अंदर
कुछ कर गुज़रने की
बस इतना समझ लेना।
_ रुचि तिवारी
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