Sunday, May 5, 2019

लौट आना चाहता हूँ माँ !!!

थक चुका हूँ मैं ख्वाबों के पीछे भागते-भागते ,
हार चुका हूँ मैं दूसरों को हराते हराते ,
लौट आना चाहता हूँ माँ,
उन गलियारों में ,
तेरे आँचल की छांव में ,
वो सुकून भरे गाँव में ,
भीड़ भाड़ से दूर ,
जहाँ प्रकृति का बरसता है नूर ,
तेरी ममता में हो जाउँ मगरुर ,
माँ तेरा प्यार पाकर हो जाउँ मशहूर ।
तू मेरा कोहिनूर ,
जाना नहीं अब तुझसे दूर।

मेरी खताओं को अब मुझे सुधारना है,
तेरे हर गम को जड़ से मिटाना है,
तुझे दुनिया से मिलवाना है,
बहुत कुछ दिखाना समझाना है,
तू वहाँ घुटती है , तेरा बेटा भी तो यहाँ अकेला है,
कुछ ही दिनों का माँ बस इंतजार है, 
तेरा बेटा तेरे पास आने को तैयार है।

मिल तुझे सबसे पहले गले लगाना है,
सालों की थकान पल में मिटाना है,
तेरे आँचल की छांव में बैठ जन्नत को देखना है ,
तेरे हाथ से खाकर मन्नतें पूरी करना है ,
तेरी गोद में सिर रख सब भूलना है,
मेरा सबकुछ तू है और अब बस तेरा ही ख्याल रखना है।

_रुचि तिवारी 
 Ig : ruchi_tiwari31

5 comments:

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