रुला कर मुझे उस बेवफा को बड़ी गज़ब की नींद आई है,
देख लो दुनिया वालों मेरी मोहब्बत क्या रंग लाई है !!!!
मेरी जिंदगी में गमों की बहार उसने लाई है ,
और कहता है वो देख तेरी किस्मत सामने आई है !!!!
मेरे मरे अरमानों की चीख अभी मैंनें कहाँ सुनाई हैं ,
थोड़ा रूक ठहर सब्र कर तेरी किस्मत भी उसी खुदा ने बनाई है !!!!
मेरे हाथों की लकीरों पर मैंनें खुद अपनी किस्मत लिखवाई है ,
तेरे न होने से मैं तन्हा नहीं , हाँ मैंनें कभी तेरी कमीयां नहीं बताई है !!!!
डूबती हमारी कश्ती हर बार हमने मिलकर पार लगाई है ,
पर इस बार फिर तुमने बेवफाई ही जताई है !!!!
मोहब्बत है ये , जलन में तीसरे ने आग लगाई है ,
इतनी सी बात तुम्हें अब तक समझ क्यों नहीं आई है ????
ना बन खुदगर्ज़ यूँ सफर-ए- मोहब्बत में ,
जा़लिम तेरी बेवफाई की दासतां हमने कहाँ किसी को सुनाई है !!!!
कितनी बार तेरी गलतियाँ नादानी समझ भुलाई है ,
तू बदल रहा है पर मैंनें अब भी हार नहीं अपनाई है !!!!
_रुचि तिवारी एवं नेहल जैन
Instagram : ruchi_tiwari31 & writerspride
नोट : यह कविता दोनों लेखिकाओं ने मिलकर साझेदारी में लिखी है। आज के युग की लेखन विधा में मशहूर "Collab" विधा के अंतर्गत इसे पूर्ण किया गया है एवं पब्लिश भी दोनों की सहमति से किया जा रहा है ।
Superb
ReplyDeletethankyou
DeleteLove you beta very nice collab
ReplyDeletethankyou so much sir....😍😍😍😍
DeleteVery well written by amazing duo 👌👌😀
ReplyDeletethankyou😊
DeleteFabulous didi😎😎
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