Wednesday, January 30, 2019

ये जिंदगी भी ....

ये जिंदगी भी कितने रंग उड़ाती है ,
पहर दर पहर नए सपने सजाती है ,
सोचकर कई दफा ख्वाब सुहाने ,
मेरी आँखे हर मरतफ़ा नई चमक लाती है ।
ये जिंदगी कितना कुछ दिखाती है ,
कभी किसी का दर्द तो कभी प्यार जताती है ,
याद करने बैठ जाऊँ जो सबको ,
तो नैनों में हजार तस्वीर उतर जाती है।
ये जिंदगी कितना कुछ कर जाती है ,
हर किसी की झोली भर जाती है ,
कहीं मोह या दया भाव तो कहीं लालच या अहं दे जाती है ,
खुद का जो देखूँ दामन तो सिर्फ़ कलम रह जाती है ।
ये जिंदगी कितने गीत सुनाती है ,
मुसलसल नई-नई धुन गाती है ,
खो जाती हूँ जो इसमें कहीं ,
तो लबों पर मेरे सिर्फ़ कविताएँ रह जाती है।
ये जिंदगी भी ............
                            .......रुचि तिवारी

4 comments:

थैंक्यू KK! हम रहें या न रहें कल, कल याद आएंगे ये पल, प्यार के पल...

KK, 90's के दौर का वो नाम जिसकी आवाज सुन हम सभी बड़े हुए। 'कुछ करने की हो आस-आस... आशाएं' या 'अभी-अभी तो मिले हो, अभी न करो ...