ये जिंदगी भी कितने रंग उड़ाती है ,
पहर दर पहर नए सपने सजाती है ,
सोचकर कई दफा ख्वाब सुहाने ,
मेरी आँखे हर मरतफ़ा नई चमक लाती है ।
पहर दर पहर नए सपने सजाती है ,
सोचकर कई दफा ख्वाब सुहाने ,
मेरी आँखे हर मरतफ़ा नई चमक लाती है ।
ये जिंदगी कितना कुछ दिखाती है ,
कभी किसी का दर्द तो कभी प्यार जताती है ,
याद करने बैठ जाऊँ जो सबको ,
तो नैनों में हजार तस्वीर उतर जाती है।
कभी किसी का दर्द तो कभी प्यार जताती है ,
याद करने बैठ जाऊँ जो सबको ,
तो नैनों में हजार तस्वीर उतर जाती है।
ये जिंदगी कितना कुछ कर जाती है ,
हर किसी की झोली भर जाती है ,
कहीं मोह या दया भाव तो कहीं लालच या अहं दे जाती है ,
खुद का जो देखूँ दामन तो सिर्फ़ कलम रह जाती है ।
हर किसी की झोली भर जाती है ,
कहीं मोह या दया भाव तो कहीं लालच या अहं दे जाती है ,
खुद का जो देखूँ दामन तो सिर्फ़ कलम रह जाती है ।
ये जिंदगी कितने गीत सुनाती है ,
मुसलसल नई-नई धुन गाती है ,
खो जाती हूँ जो इसमें कहीं ,
तो लबों पर मेरे सिर्फ़ कविताएँ रह जाती है।
मुसलसल नई-नई धुन गाती है ,
खो जाती हूँ जो इसमें कहीं ,
तो लबों पर मेरे सिर्फ़ कविताएँ रह जाती है।
ये जिंदगी भी ............
.......रुचि तिवारी
Very nice. ..😌😌😍😍
ReplyDeletethankyou...😊😊
DeleteHeart touching
ReplyDeletethankyou....
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