Saturday, June 8, 2019

अधूरी दास्ताँ मौजूद है


मेरी डायरी के पिछले पन्नों में,

आज भी वो अधूरी दास्ताँ मौजूद है,

पूरी करने की ख्वाहिशें हैं दिल में,

पर तेरे मेरे उज्जवल भविष्य के

अरमान अभी भी अधूरे हैं,

यूँ तो फुर्सत नहीं हम दोनों को,

पर फिर भी अंदर से मिलने को तरसते हैं,

खोल बाँहें हर शाम तुमसे मिलते यादों में हैं,

मेरी डायरी के पिछले  पन्नों में,

आज भी वो अधूरी दास्ताँ मौजूद है।

वो मन में बोलने की चाह होकर भी

न बोल पाना,

तुम्हें जी भर देखने का वक्त कभी न 

खत्म हो पाना,

उन शैतानियों संग तेरे साथ रहने का 

बहाना बनाना,

और तुम्हें रूकने को न कह पाना,

मेरी डायरी के पिछले पन्नों में,

आज भी वो अधूरी दास्ताँ मौजूद हैं ।


हर रोज़ एक चीख निकलती है डायरी से,

फिर सँभालती हूँ उसे मैं अपनी शायरी से,

हाल ए दर्द बयाँ होता हैं रोज़,

और दुनियाँ मुझे नवाज़ती है वाहवाही से,

मेरी डायरी के पिछले पन्नों में,

आज भी वो अधूरी दास्ताँ मौजूद हैं। 


_ रुचि तिवारी 

 Ig :ruchi_tiwari31

2 comments:

थैंक्यू KK! हम रहें या न रहें कल, कल याद आएंगे ये पल, प्यार के पल...

KK, 90's के दौर का वो नाम जिसकी आवाज सुन हम सभी बड़े हुए। 'कुछ करने की हो आस-आस... आशाएं' या 'अभी-अभी तो मिले हो, अभी न करो ...