चाहती मैं भी नहीं थी कि तुमसे तुम्हारा 'अधिकार' छीन लूं,
लेकिन मुझे ये बरदार्शत नहीं कि अपना 'हक' किसी और के नाम लिख दूं।
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थैंक्यू KK! हम रहें या न रहें कल, कल याद आएंगे ये पल, प्यार के पल...
KK, 90's के दौर का वो नाम जिसकी आवाज सुन हम सभी बड़े हुए। 'कुछ करने की हो आस-आस... आशाएं' या 'अभी-अभी तो मिले हो, अभी न करो ...
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रोटी। क्या-क्या नहीं किया जाता इसके लिए। कोई तपती धूप में हाथठेला लेकर फेरी लगता है तो कोई दिनभर मजदूरी। कोई ऑफिस में बॉस की डांट खाता है तो...
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करवटें बदलना हमें भी नहीं पसंद, लेकिन अपना दर्द तुम से बयां भी नहीं कर सकते। -रुचि तिवारी
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नमस्ते ! आज मैं अपनी कुछ बातें आप के साथ साझा करना चाहता हूँ इसलिए यह खुला पत्र आप सबके लिए । आशा है आप सब मंगलमय होंगे एवं ग...
So painful words
ReplyDeleteWhich one had real love
Waaah ruchi... bht deep hai... dard hai takleef pr apna guroor fir bhi ameer hai.... 🥰🥰🥰
ReplyDeleteWaaah ruchi... bht deep hai... dard hai takleef pr apna guroor fir bhi ameer hai.... 🥰🥰🥰
ReplyDeleteWaah Waah 🌺
ReplyDeleteWaah Waah 🌺
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