जिंदगी का दूसरा नाम
इत्मिनान नहीं जनाब
अगर ऐसा होता
तो हर कोई खुदगर्ज़ नहीं होता .....
इत्मिनान नहीं जनाब
अगर ऐसा होता
तो हर कोई खुदगर्ज़ नहीं होता .....
काँप जाती है रूह
अक्सर ये सोचकर ही
मैं बढ़ गया आगे
तो क्या ये जा़लिम दुनिया पीछे रहेगी ?????
अक्सर ये सोचकर ही
मैं बढ़ गया आगे
तो क्या ये जा़लिम दुनिया पीछे रहेगी ?????
खैर , मैं नहीं चाहता
आगे-पीछे का खेल खेलना
तलाश में हूँ की मिले मुझे सुकून
कम्बख्त वो भी है कह रहा
इतनी आसानी से 'तू ' मुझे तलाश रहा ......
आगे-पीछे का खेल खेलना
तलाश में हूँ की मिले मुझे सुकून
कम्बख्त वो भी है कह रहा
इतनी आसानी से 'तू ' मुझे तलाश रहा ......
किस दर पर जाऊँ कि हो जाएं मुराद पुरी
भटक यहाँ भी रहा , भटका वहाँ भी
विडंबना में हूँ फंसा कि
दुख अकेले होने का है या
गम सबका हो कर भी न होने का.........
भटक यहाँ भी रहा , भटका वहाँ भी
विडंबना में हूँ फंसा कि
दुख अकेले होने का है या
गम सबका हो कर भी न होने का.........
मंजिल चंद ही कदमों की दूरी पर है
पर.........
आज मेरे कदम डगमगा रहे
हौसले मुझे छोड़ कहीं जा रहे
पर.........
आज मेरे कदम डगमगा रहे
हौसले मुझे छोड़ कहीं जा रहे
खोलना है उन्हीं हौसले के पंखों को
नज़रें ताक रहीं उन राहों को
जु़बान से बयां नहीं कर पाता
आँखों में छुपा भी नहीं पाता
काश! "वो" होती समझ लेती मुझसे बिन पुछे
कि उसका "लाल" अंधेरे में क्यों जा रहा???
कि उसका "लाल" अंधेरे में क्यों जा रहा???
नज़रें ताक रहीं उन राहों को
जु़बान से बयां नहीं कर पाता
आँखों में छुपा भी नहीं पाता
काश! "वो" होती समझ लेती मुझसे बिन पुछे
कि उसका "लाल" अंधेरे में क्यों जा रहा???
कि उसका "लाल" अंधेरे में क्यों जा रहा???
जानती थी वो समझती थी वो
मेरा अटूट विशवास थी वो
हाँ, अगर होती वो तो मैं
यूँ ताक न रहा होता
अपने चमकते नैनों में सिर्फ
सपने संजोए होता ............
मेरा अटूट विशवास थी वो
हाँ, अगर होती वो तो मैं
यूँ ताक न रहा होता
अपने चमकते नैनों में सिर्फ
सपने संजोए होता ............
अब फंसा हूँ उस उलझन में
अपने सपनों को तवज्जो दे दूँ
या जुट जाऊँ जि़म्मेदारियों में
जिसका फर्ज है सुलझाने का
किस्मत का खेल है
"वही" आज मुझे उलझा रहा......
"वही" आज मुझे उलझा रहा.......
अपने सपनों को तवज्जो दे दूँ
या जुट जाऊँ जि़म्मेदारियों में
जिसका फर्ज है सुलझाने का
किस्मत का खेल है
"वही" आज मुझे उलझा रहा......
"वही" आज मुझे उलझा रहा.......
_रूचि तिवारी
Good job Ruchi
ReplyDeletethankyou bhaiyaa..😊😊
DeleteGreat
ReplyDeletethank u...
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